About me....
I am trained in design management and User Research from National Institute of Design, I bring in 16 years of professional experience to Ralibha Inc.And before all this I also did my MBA from MONIRBA - phew! a lot of education right......
In my career as design strategist and forecaster, I have done research and innovation assignments with Samsung, Volkswagen , Colgate and Palmolive, LG mobile phones, Pl constructions,P&G Singapore etc,
I am formally trained in the craft of filmmaking also from FTII, Pune and has worked with ravidespande productions in the area of ad films and corporate films.
And as a student, I had the privilege to work with Saeed Mirza and Vishal Bhardwaj.
I have done various assignments and note worthy ones are...
13 comments:
बढिया हैं और आप्!
अवश्य क्यों नहीं.
लिखिये हिन्दी में आपका स्वागत है.
स्वागत है।
दीप्ति ये रालिभा का क्या अर्थ हुआ ?
अपन तो ठीक ठाक है दिप्ति जी, आप बताएं आपके क्या हाल चाल हैं?
स्वागत है आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में।
शुभकामनाएं
हिन्दी चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है दिप्ती जी।
अब जल्दी से अपने अगले लेख लिख कर प्रकाशित कीजिये।
॥दस्तक॥
अभी तक तो ठीक हैं.
अब आप लिखना शुरु करें, बीच बीच में हाल बताते रहेंगे. स्वागत है!!
दीप्ति स्वागत है, पंत वैसे उत्तरांचल से भी होते हैं आप कहाँ से हैं, धीरे धीरे फर्राटे से लिखने लगेगीं।
साथ मिलेगा, बस लिखना शुरू करिये।
आपका स्वागत है दिप्ति जी, हिन्दी चिट्ठाजगत में।
स्वागत है दीप्ति जी चिट्ठाजगत में। हम सब अच्छे हैं, आपको सबका साथ मिलेगा आप लिखना तो शुरु कीजिए।
नारद, परिचर्चा और सर्वज्ञ जी से मुलाकात करिए।
इन सबके बारे में जानकारी चिट्ठाकारों के स्वागत पन्ने पर है।
हिन्दी में टाइपिंग संबंधी जानकारी सरल रुप में यहाँ पर है।
अगर आप उत्तरांचल से हैं तो हमारे लिए खुशी की बात है कि अब हम भी अल्पसंख्यक नहीं रहे, धीरे धीरे उत्तरांचल से भी चिट्ठाकार जुड़ते जा रहे हैं।
ई-पंडित
आपका स्वागत है !
दीप्ति जी,
हम आपके पहले पोस्ट का इंतज़ार कर रहे हैं। ज़ल्दी लीखिए।
हिन्दी-चिट्ठाकार जगत् में आपका स्वागत है।
मुझे नही लगता की आप ज़्यादा कुछ लिखेंगी , कहीं किसी ने आपके कान मे कोई फूँक तो नही मार दी ? वैसे हम तो कुछ नया पढ़ने की आशा तो रखते ही हैं . आप फ़िल्म बनती हैं तो उम्मीद की जा सकती है कि देवदास जैसी तो नही ही बनाएँगी.
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